Manav Utthan Sewa Samiti

जिस प्रकार लोग माया मौह , धन-दौलत के लिए भागते हैं तो वे उसमे दुख-ही-दुख भोगते हैं इसलिए

भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं जो अंत काल सुमिरन ध्यान करते हुए प्राण छोड़ता है वह मुझे प्राप्त होता है इसमें कोई संशय नही है
और जो माया का चिंतन करते हुए त्याग करता है वह चौरासी योनियों में ही भटकता ही रहता है और दुख भोगता है
तो क्यों ना हम जवानी से ही भजन करें तभी तो अंत कल में प्रभु का ही ध्यान आएगा और प्रभु के श्री चारों में हम समा जाएँगे बहुत से लोग कहते हैं जवानी में तो मौज-मस्ती कर लेंगे और बुढ़ापे में भजन कर लेंगे चिंतन कर लेंगे
ज़रा विचार कीजिए जिस इंसान ने जीवन-पर्यंत तो भजन किया नही तो वो बुढ़ापे में भजन कैसे कर पाएगा तब तक उसकी कमर भी झुक जाएगी आँखे भी देखना बंद कर देंगी कान भी सुनना बंद कर देंगे तो वो भजन कैसे करेगा उसे अंत काल में प्रभु का ध्यान कैसे आएगा वो तो माया के ही बारे में सोचेगा तो वो नरक ही जाएगा
कई बार हम देखते हैं कई बूढ़े लोग गंगा किनारे माला जपते रहते हैं कबीर जी कहते हैं माला फेरेत जुग गया फिरा ना मन का फेर कर का मनका डारी रे मनका-मनका फेर
अर्थात सारी जिंदगी तो वो माला जपते रहते हैं फिर भी उनका मन पवित्र नही हुवा अगर वे मन की माला जपें तो वे प्रभु का स्वरूप अपने अंदर देख पाएँगे
तो वो मन की माला क्या है जिसे हम सोते--जागते--उठाते--बैठते--खाते--पीते काम करते हुए जप सकते हैं भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं वह माला परा विधा है जिसका उच्चारण जीभ से नही हो सकता है
बाकी नाम तो गुणवाचक हैं जिनका उच्चारण जीभ से होता है भगवान कहते हैं सभी नाम झूठे हैं क्योंकि उनका उच्चारण जीभ से होता है अर्थात हम जब कुछ खाते हैं तो कहते हैं की झूठा हो गया उसी प्रकार से प्रभु के बोलने वाले नाम भी झूठे हो जाते हैं लेकिन जो प्रभु का सच्चा नाम है वह तो पवित्र है वह इतना पावन है की पापी को भी देवता बना सकता है वह नाम अनादिकाल से है अर्थात जब यह पृथ्वी नही थी तो वह नाम तब से है और अविनाशी है जिसको जानने के बाद मनुष्य जन्म-चक्र के बंधन से मुक्त हो जाता है और परमात्मा में समा जाता है और उस नाम का सच्चा ज्ञान केवल समय के सतगुरु ही करा सकते हैं अर्थात सच्चे सतगुरु
अतः हमें सच्चे सतगुरु की तलाशा करनी चाहिए तभी हमारा कल्याण होगा

हमारे सतगुरु महाराज जी के प्रवचन आस्था चॅनेल पर प्रतिदिन
8:40 से 9:00 तक और संस्कार चॅनेल पर 9:15 से 10:15 तक हो रहा है सभी से अनुरोध है की श्री महाराज जी के आत्मकल्याणकारी प्रवचन सुनकर लाभ उठावें

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