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Showing posts from March, 2011
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  Substance of Gita Knowledge of God is the root of all vedas so god will be known , His creation was described in vedas but there was such elaborate detail that the reader , instead of coming to know god , became concerned with worldly knowledge and began to worship the wonders of his creation . In this way , peaople became confused and forgot God himself. Unable to discover God within His limitless creation, many great sages search for knowledge of him with in the vedas. However knowledge of God is not simply a matter of study , because this knowledge ----the essence of vedas----- is supremely subtle. Knowledge of God not obtainde without Satguru . Whenever the sages --the grace of Satguru-- gave Spiritual Knowledge to their disciples, they spoke the Upanishads, which are the substance of vedas. Those who were learned in the Upansihads wrote many books and many attempts , but still they couln't obtain knowledge -- the essence of all Upanishads-- has given by the Sa...
सदभावना संदेश इस कॅलिकाल में कितनी आपदायें घटित हो रही है अभी हाल में ही जापान में इतना बड़ा भूकंप आया  और सूनामी आई जिसके कारण वहाँ कितने लोग मारे गये ऊपर से परमाणु सयन्त्र भी भूकंप के कारण फॅट गया जिससे वहाँ रेडियो धर्मी का असर पड़ने लगा जिसका असर पास के पड़ोसी देश में भी होने लगा और साथ ही पूरी दुनिया में भी इसका ख़तरा हो सकता है आगे बहुत बुरा समय आने वाला है   कई साल पहले भी इस रेडियो धर्मी के कारण नागासाकी और हिरोशिमा में इतने लोग मार गये थे  आज का मानव रुपये कमाने की होड़ में सब कुश भूलता जा रहा है वह अपने लिए ही मौत का समान तैयार कर रहा है पूरी दुनिया में जीतने भी मोबाइल टवर लगे हुए हैं सभी ख़तरे की घंटी हैं हर आदमी इनके पीछे भागकर अपने लिए ख़तरा मौल ले रहा है रुपये कमाने की होड़ में वह इंसानियत भी भूलता जा रहा है समाज में आदमी-आदमी के बीच प्यार ख़त्म हो गया है भाई-भाई को भूलता जा रहा है दुकानदार भी रुपये के चक्कर में सब्जियों में मिलावट  कर रहा है जिससे सेहत को भी ख़तरा है हर जगह अशांति फेली हुई है पूरा संसार अशांत है सड़क ...
God gives us beautiful nature then god is very beautiful then nature and his knowledge is the way to meet god and gives us very beautiful life why we waste life in various work  God knowledge is the spiritual knowledge self-reliasation , soul's knowledge  Spiritual knowledge is the connection of man's soul directly into God by Meditation  This spiritual knowledge is only given by real spiritual master called Satguru  what is satguru means Sat means Perfect Gu means Darkness and Ru means Light. One who brings us away from Darkness into Light is called Guru. The thing is: how much love you have for the Satguru. Satguru, also known as , Perfect Master Satguru is one who brings us away from darkness into Light, Light of Truth . There are many Guru's, but only one life force that is always with you, and that is, You. Trust no one, not even your self, but do trust the reality of prospering  and being nourished, being happy, being a Conscious...
Spiritual knowledge means to know thyself it is connection of man'soul to god by knowing spiritual knowledge which is only given Real Spiritual Master called samay ke tatavdarshi shri Satguru Maharaj this knowledge is keep concentrate the mind our mind and give direct connection of soul to God it is possible by daily practice so why we lose our time in various things spiritual knowledge is only key which can we directly connect to God and get lot of peace and happiness so don't waste your time we have to know spiritual     for  more information visit at www.manavdharam.org  www.premnagarashram.com

Manav Dharam

लोग अक्सर भगवान के दर्शन करने अनेकों तीरथ जाते हैं बड़े-बड़े कष्ट झेलकर मंदिरों में जाते हैं कई वर्त-उपवास लेते हैं लेकिन उन्हे परम शांति नही मिल पाती है आत्म-संतुष्टि नही मिल पाती है विवेकानंद कहते थे में जब छोटे-छोटे बच्चों को मंदिरों में देखता हूँ तो मुझे बहुत खुशी होती है लेकिन जब में बूढ़ों को मंदिर जाते देखता हूँ तो मुझे बड़ा दुख होता है कि वे इतनी बड़ी उम्र तक भी प्रभु को नही जान पाए प्रभु का जो सच्चा नाम है वह नही जान पाए भगवान के सभी नाम गुणवाचक है लेकिन जो प्रभु का सच्चा नाम है वो गुणवाचक नही जीभ के अंतर्गत नही आता है और वो नाम केवल समय के सच्चे सतगुरु ही दे सकते हैं उसी में परम शांति है जिससे मान में शांति होगी तभी तो बाहर भी शांति होगी और तभी पूरी दुनिया मैं शांति होगी और सच्चे ज्ञान को जाने बिना वे इधर-उधर भटकते हैं देखा-देखी भक्ति करते हैं परंतु इससे कल्याण नही होगा वह नरक से नही बच सकता है उस परम ज्ञान को केवल सच्चे सतगुरु ही दे सकते हैं  यही ज्ञान महाभारत में कृष्ण ने अर्जुन को दिया था उस पावन नाम को शिव जी भ जप ते हैं हनुमान जी महाराज भी उसी नाम को जप ते थे...