वह शक्ति जो सारे संसार धारण किए हुए है वह शक्ति सारे जगत को पावन बनाने वाली है
उसी शक्ति का ज्ञान अध्यात्म विद्या कहलाता है उसी शक्ति का ज्ञान राज विद्या कहलाता है
उस शक्ति का ज्ञान जानने के लिए हमे सच्चे सतगुरु के पास जाना पढ़ता है
उसके लिए हमारा मन पवित्र होना चाहिए
जिस प्रकार मैले दर्पण में प्रतिबिंब नही दिख पता है उसी प्रकार से मैले (हृदय) रूपी दर्पण में भी प्रकाश रूपी प्रतिबिंब नही दिखाई पढ़ता है

युग परिवर्तन के लिए हमे धरती को नही बदलना है आकाश को नही बदलना है , पानी को नही बदलना है
बदलना है तो केवल मानव को बदलना है मानव को बदलने के लिए उसके मन को बदलना है जब मन बदलेगा
तभी समाज बदलेगा और फिर देश बदलेगा और पूरा विश्व बदलेगा यही सच्चा युग परिवर्तन है

इसके लिए हमे आत्मज्ञान को जानना होगा
हमने पंखे बनाने की फेक्ट्री देखी होगी , टीवी बनाने की फेक्ट्री होगी , तेल बनाने की फेक्ट्री देखी होगी पर क्या हमने
ऐसी फेक्ट्री देखी है जहाँ मानव बनता हो , सत्संग ही ऐसी जगह जहाँ दानव से मानव बनता है और मानव से महामानव बनता है इसलिए सत्संग सुना करें

सत्संग बिना विवेक ना होई राम कृपा बिना सुलभ ना सोई

तन्त्र मन्त्र सब झूठ है मत भ्रमों संसार सार शब्द जाने बिना कोई ना उतर्सि पार

वह सार शब्द क्या है जो सभी वेदों का सार है सभी ग्रंथो का सार है सभी धर्मों को एक करता है

वही पवन ज्ञान श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया था

इसलिए हमें जागरूक होना चाहिए
और ज्ञान की प्राप्ति करनी चाहिए

                                                   ----- श्री सतपाल जी महाराज

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